कर्नल सोफिया कुरैशी: 'ऑपरेशन सिंदूर' की नायिका | जीवन परिचय, धर्म और सैन्य करियर

भूमिका (Introduction)

भारतीय सेना की गौरवशाली परंपरा में एक नया अध्याय जुड़ा है — कर्नल सोफिया कुरैशी (Colonel Sofia Qureshi)।
उन्होंने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नेतृत्व कर देश का नाम रोशन किया।
कर्नल कुरैशी भारतीय सेना की उन चुनिंदा महिला अधिकारियों में से हैं जिन्होंने ना केवल युद्ध के मैदान में बल्कि अंतरराष्ट्रीय शांति अभियानों में भी अपनी श्रेष्ठता साबित की है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Early Life and Education)

  • जन्म वर्ष: 1974

  • जन्म स्थान: वडोदरा, गुजरात, भारत

  • शिक्षा: बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट (M.Sc.), मनोनमनियम सुंदरनार (MS) विश्वविद्यालय से (1997)

कर्नल कुरैशी एक सैन्य परिवार से आती हैं। उनके दादा भारतीय सेना में धार्मिक शिक्षक (Religious Teacher) थे।

सैन्य करियर की शुरुआत (Military Career Beginning)

  • भारतीय सेना की सिग्नल कोर (Signals Corps) में वर्ष 1999 में कमीशन प्राप्त किया।

  • शादी भी एक मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री (Mechanized Infantry) अधिकारी से हुई है।

उनकी शुरुआती ट्रेनिंग से लेकर मौजूदा जिम्मेदारियों तक, कर्नल कुरैशी ने हमेशा भारतीय सेना में साहस और प्रतिबद्धता का उदाहरण पेश किया है।

अन्य मान्यताएँ (Other Recognitions) पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत अभियानों के दौरान संचार प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए उन्हें Signal Officer-in-Chief (SO-in-C) से प्रशंसा मिली। उन्हें सेना के भीतर उच्च नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक कौशल के लिए जाना जाता है। कर्नल सोफिया कुरैशी का धर्म (Religion) कर्नल सोफिया कुरैशी का धर्म इस्लाम (मुस्लिम) है। (कर्नल कुरैशी मुस्लिम समुदाय से आती हैं, लेकिन उनकी देशभक्ति और समर्पण धर्म से ऊपर उठकर भारत सेवा का उदाहरण है।) निष्कर्ष (Conclusion) कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की उन साहसी महिलाओं में से हैं जिन्होंने भारत को गर्व करने का अवसर दिया है। चाहे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई हो, या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति अभियानों में भागीदारी, उनका योगदान प्रेरणादायक है। कर्नल सोफिया कुरैशी आज हर युवा भारतीय के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो देश सेवा का सपना देखते हैं।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में नेतृत्व (Leadership in Operation Sindoor)

ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक थी।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने इस बड़े मिशन की रणनीति, योजना और मीडिया ब्रीफिंग का नेतृत्व किया।

ऑपरेशन से जुड़े मुख्य बिंदु:
  • समय: 1.05 बजे से 1.30 बजे के बीच

  • लक्ष्य: 9 आतंकी शिविर

  • सूत्र: विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर

कर्नल कुरैशी ने बताया कि टारगेट्स का चुनाव सीमा पार आतंकी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता के आधार पर किया गया था।

अंतरराष्ट्रीय योगदान (International Contributions)

  • कर्नल कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के शांति अभियानों में कांगो में 6 साल सेवा की।

  • उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए आसियान प्लस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास “Force 18” (2016) में भारतीय दल का नेतृत्व किया।

  • वह इस अभ्यास में 18 देशों के बीच एकमात्र महिला कमांडर थीं।

ऑपरेशन पराक्रम में भूमिका (Role in Operation Parakram)

2001 में संसद हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन पराक्रम के दौरान कर्नल कुरैशी ने पंजाब सीमा पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उनकी इस सेवा के लिए उन्हें GOC-in-C Appreciation Letter से सम्मानित किया गया।

अन्य मान्यताएँ (Other Recognitions)
  • पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत अभियानों के दौरान संचार प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए उन्हें Signal Officer-in-Chief (SO-in-C) से प्रशंसा मिली।

  • उन्हें सेना के भीतर उच्च नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक कौशल के लिए जाना जाता है।

कर्नल सोफिया कुरैशी का धर्म (Religion)

कर्नल सोफिया कुरैशी का धर्म इस्लाम (मुस्लिम) है।
(कर्नल कुरैशी मुस्लिम समुदाय से आती हैं, लेकिन उनकी देशभक्ति और समर्पण धर्म से ऊपर उठकर भारत सेवा का उदाहरण है।)

निष्कर्ष (Conclusion)

कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की उन साहसी महिलाओं में से हैं जिन्होंने भारत को गर्व करने का अवसर दिया है।
चाहे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई हो, या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति अभियानों में भागीदारी, उनका योगदान प्रेरणादायक है।

कर्नल सोफिया कुरैशी आज हर युवा भारतीय के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो देश सेवा का सपना देखते हैं।



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